फिर किससे तुम प्यार करोगे.....
जब मुझसे तक़रार करोगे.....
पार सभी मझधार करोगे....
गर बाहें पतवार करोगे...
शर्म से आँखें झुक जाएँगी....
जब तुम आँखे चार करोगे.....
मंजिल पर पँहुचोगे जब तुम.....
ठोकर का आभार करोगे.....
कृष्ण मिलेंगे तुम्हें यकीनन....
यदि राधा सा प्यार करोगे....
क़त्ल करेगी कलम बदी का.....
सच को जब हथियार करोगे....
मोम सा दिल लेकर तुम कैसे....
सूरज से यलगार करोगे....
कैसे बचें खजाने जब तुम...
चोर को पहरेदार करोगे...
इश्क़ रखो तुम दूरी मुझसे.....
दिल को तुम बीमार करोगे...
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